किसी को फ़िकर नही मजदूर की
कोई जिक्र नही मजदूर की
वो मजबूर है इसलिए कोई जिक्र नही करता
वो किसी का नुकसान नही करता ईसलिए कोई फिक्र नही करता
कोई तो जगा दे ऊनको जो सबकी फिक्र का ठेका लिए बैठे हैं
हम मजदूर भी इसी जहाँ में रहते हैं
आपका
मनोज उपाध्याय
कोई जिक्र नही मजदूर की
वो मजबूर है इसलिए कोई जिक्र नही करता
वो किसी का नुकसान नही करता ईसलिए कोई फिक्र नही करता
कोई तो जगा दे ऊनको जो सबकी फिक्र का ठेका लिए बैठे हैं
हम मजदूर भी इसी जहाँ में रहते हैं
आपका
मनोज उपाध्याय