आप सभी को मेरा नमस्कार मै मनोज उपाध्याय आज कुछ एसा लिखने जा रहा हूँ जिस पर हर आदमी की आखे बन्द हैं
फिल्मी सितारे या अन्य प्रचलित हस्ती सिर्फ बोलते हैं और अपनी फीस करोडो मे लेते हैं ईसी से पता चलता है की वे समाज के प्रति कितने संवेदन सील हैं राजनीतिक प्रतयासी करोडो खर्चा करके चुनाव लडते हैं तो हम सब खुद ही सोच ले की वो किसका भला करेगे आम आदमी तो कभी कही दिखाई नही देता कयू की वो दिखाई दिया तो इनको कौन देखेगा मै अपनी और अपने देश की हालत से परेशान हू कयू कि सरकार कहती है बैंक मै खाता खोलो अब इनको कौन बताए जहाँ पर एक समय का खाना भी सोच समझ कर आम बनाता हो वहा बैंक शब्द मजाक सा लगता है
ये ब्लोग पड़े और राय दे और कुछ विसय भि लिखे जिस पर आप पडना चाहते हैं
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आपका
उपाध्याय
फिल्मी सितारे या अन्य प्रचलित हस्ती सिर्फ बोलते हैं और अपनी फीस करोडो मे लेते हैं ईसी से पता चलता है की वे समाज के प्रति कितने संवेदन सील हैं राजनीतिक प्रतयासी करोडो खर्चा करके चुनाव लडते हैं तो हम सब खुद ही सोच ले की वो किसका भला करेगे आम आदमी तो कभी कही दिखाई नही देता कयू की वो दिखाई दिया तो इनको कौन देखेगा मै अपनी और अपने देश की हालत से परेशान हू कयू कि सरकार कहती है बैंक मै खाता खोलो अब इनको कौन बताए जहाँ पर एक समय का खाना भी सोच समझ कर आम बनाता हो वहा बैंक शब्द मजाक सा लगता है
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